गांधी जयंती पर वर्धा शहर में किया जाएगा दीपोत्सव का आयोजन

वर्धा (संवाददाता)- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में 2 अक्टूबर 2020 को वर्धा शहर में स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में तैयारी एवं आयोजन के लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में प्रथम बैठक का आयोजन किया गया। विवि के गालिब सभागार में आयोजित इस बैठक में दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजन हेतु विभिन्न समिति के गठन पर विचार हुआ।

यह बैठक गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाईन भी की गई। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल, प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट, प्रो. मनोज कुमार, प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी प्रमुखता से उपस्थित थे। बैठक में वर्धा शहर के विभिन्न सामाजिक,सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।
आगामी बैठक विनोबा जी के जन्म दिवस शुक्रवार, 11 सितंबर को सायं 6.30 बजे अग्निहोत्री महाविद्यालय, रामनगर में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में नागरिक समिति का गठन किया जाएगा।
दीपोत्सव के आयोजन का समन्वय महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट कार्य करेंगे। बैठक में एक कोर समिति का गठन किया गया जिसमें डॉ. अनिल कुमार दुबे, डॉ. अनवर अहमद सिद्दीकी, डॉ. हेमचंद्र वैद्य, बी. एस. मिरगे, डॉ. राजेश लेहकपुरे, डॉ. पीयूष प्रताप सिंह, डॉ. भरत पंड्या, डॉ. सूर्य प्रकाश पांडेय, समीर शेंडे, अटल पांडे, विनेश काकडे, नंदकुमार गावंडे, सतीश बावसे, डॉ. सोहम पंड्या, शिवाजी अडसड, मंगेश परसोडकर, मोहित सहारे को शामिल किया गया।
2 अक्तूबर को शाम 6.00 बजे से प्रत्येक चौराहे पर दीप जलाए जाएंगे तथा शहर के प्रत्येक घरों में दीए जलाने को लेकर जागरूकता की जाएगी। देश विदेश के लोगों के लिए 2 अक्टूबर का दिन एक विशेष आकर्षण का केंद्र बने इसका प्रयास दीपोत्सव के माध्यम से किया जाएगा। शहर के लोगों के लिए रोजगार विकसित हो इस दृष्टि से इसे जनोत्सव-लोकोत्सव का रूप दिया जाएगा। दीपोत्सव हर वर्ष आयोजित करने हेतु शहर के प्रमुख लोगों की एक बड़ी नागरिक समिति का गठन किया जाएगा।
बैठक में प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रकांत रागीट ने सुझाव दिया कि 2 अक्तूबर को शहर के प्रमुख चौराहों पर दीप स्तंभ स्थापित किए जाए। अटल पांडे ने सुझाव दिया कि कार्यक्रम को उत्सव के रूप में मनाने के लिए गांधी जी के जीवन के प्रेरक प्रसंगों पर झांकिया निकाली जाएं जिसका जिम्मा प्रत्येक संगठनों को दिया जाए।
डॉ. सोहम पंड्या ने सुझाव दिया कि झांकियों को तकनीक से जोड़ा जाए। गांधीजी के विचार तकनीक के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुचाने का प्रयास किया जाए। इसके साथ ही शहर के विभिन्न संगठन एवं संस्थाओं से अपील की जाए कि वे अपनी-अपनी तकनीक का प्रदर्शन शहर के प्रमुख स्थानों पर करें। डॉ. हेमचंद्र वैद्य ने सुझाव दिया कि गांधीजी की प्रसिद्ध पुस्तक मेरी आत्मकथा का वितरण शहर के बस एवं रेल्वे स्थानकों पर किया जाए।
बैठक में जनहित मंच के सतीश बावसे, नंदकुमार गावंडे, लॉयन्स क्लब गांधी सिटी के अनिल नरेडी ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। वहीं डॉ. मनोज कुमार राय, डॉ. हाशम शेख, मुरलीधर बेलखोडे, मकरंद उमाळकर, प्रफुल्ल दाते, डॉ. जयंत मकरंदे, अतुल शेंडे, डॉ. शिव सिंह बघेल, डॉ. मिथिलेश कुमार, अजय राठी, डॉ. गिरीश पाण्डेय, दिलीप तिवारी, अंजनी कुमार राय, हेमलता गोडबोले उपस्थित थे।